कोलकाता में इस साल दुर्गा पूजा पंडालों की भव्यता और रचनात्मकता ने एक बार फिर सबका ध्यान खींचा है। लालबागान नबांकुर पूजा समिति ने अपने अनोखे प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है। समिति ने 3 लाख से अधिक प्लास्टिक बोतलों का उपयोग करके एक भव्य पंडाल तैयार किया है, जो न केवल कला का अद्भुत नमूना है बल्कि बढ़ते प्लास्टिक संकट पर चेतावनी भी देता है।
इस पंडाल की विशेषता यह है कि इसमें इस्तेमाल की गई हर बोतल को रचनात्मक ढंग से सजाया गया है, जिससे पूरा ढांचा समुद्री जीवन और प्रदूषण के बीच के संघर्ष को दर्शाता है। पंडाल का डिजाइन इस तरह बनाया गया है कि देखने वालों को यह संदेश स्पष्ट रूप से मिले कि प्लास्टिक कचरे से समुद्री जीव कितने प्रभावित हो रहे हैं।
आयोजकों का कहना है कि दुर्गा पूजा जैसे बड़े उत्सव को केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूकता का मंच भी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस पंडाल के जरिए लोग न केवल देवी दुर्गा की भव्यता का आनंद लेंगे बल्कि यह भी समझेंगे कि प्लास्टिक प्रदूषण किस तरह धरती और महासागरों के लिए खतरा बन रहा है।
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स्थानीय लोगों और आगंतुकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कला और संदेश का एक शानदार संगम है। कई पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने भी इस पंडाल को एक प्रेरणादायी प्रयास बताया, जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे प्रयास समाज में स्थायी बदलाव ला सकते हैं और लोगों को प्लास्टिक के उपयोग पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
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