प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ₹1,100 करोड़ के एक कथित वित्तीय धोखाधड़ी मामले में रियल एस्टेट कंपनी रामप्रस्थ समूह के दो प्रमुख प्रमोटरों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के बहुसंख्यक शेयरधारक बताए गए हैं, जो समूह की प्रमुख कंपनी मानी जाती है।
ईडी ने कहा कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। एजेंसी ने पाया कि इन प्रमोटरों ने विभिन्न शेल कंपनियों और फ्रॉडulent ट्रांजेक्शनों के जरिए निवेशकों और खरीदारों के साथ गंभीर धोखाधड़ी की है। जांच के अनुसार, आरोपियों ने फ्लैटों की बिक्री से प्राप्त धन का दुरुपयोग करते हुए इसे निजी हितों में लगाया और निर्माण कार्यों को पूरा नहीं किया, जिससे सैकड़ों खरीदारों को नुकसान हुआ।
ईडी की शुरुआती जांच में यह सामने आया कि समूह ने बड़ी संख्या में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए लेकिन उन्हें समय पर पूरा नहीं किया गया। साथ ही, आरोपियों ने निवेशकों और होम बायर्स से भारी रकम वसूली लेकिन धन का उपयोग उद्देश्यों से भटक कर अन्य जगहों पर किया गया।
ईडी ने दोनों प्रमोटरों को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया और उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एजेंसी का कहना है कि वह इस घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं और संदिग्धों की जांच जारी रखेगी।