प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी 1,400 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई नई प्रोविजनल अटैचमेंट के तहत की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस नए अटैचमेंट के बाद ईडी द्वारा अंबानी समूह से जुड़ी कुल जब्त की गई संपत्तियों का मूल्य 9,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
यह जानकारी उस समय सामने आया जब रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी लगातार दूसरी बार ईडी के समन पर पेश नहीं हुए। उन्हें फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत जारी जांच में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इससे पहले भी वह ईडी के समन को नज़रअंदाज़ कर चुके हैं।
ईडी का आरोप है कि अनिल अंबानी समूह ने जयपुर-रींगस हाईवे परियोजना से जुड़े 40 करोड़ रुपये को सूरत की शेल कंपनियों के माध्यम से विदेश भेजा और फिर इसे दुबई में रूट किया गया। एजेंसी का कहना है कि यह 600 करोड़ रुपये से अधिक के एक विस्तृत अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।
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हाल ही में ईडी ने अंबानी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच के तहत 4,462 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों को भी अटैच किया था। इसके अलावा, इस सप्ताह की शुरुआत में एजेंसी ने नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (DAKC) की लगभग 132 एकड़ जमीन को भी अटैच किया था, जिसकी अनुमानित कीमत 7,545 करोड़ रुपये बताई गई थी। यह कार्रवाई रिलायंस कम्युनिकेशंस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले से संबंधित है।
ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी, जिसमें अनिल अंबानी, आरकॉम और अन्य पर धोखाधड़ी, षड्यंत्र और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। जांच का मुख्य फोकस आरकॉम और उसकी सहयोगी कंपनियों पर है, जिन्होंने 2010 से 2012 के बीच भारतीय और विदेशी बैंकों से 40,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण लिए थे। इनमें से पांच खातों को बैंक धोखाधड़ी के रूप में घोषित कर चुके हैं।
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