भारत के वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक और पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. एकनाथ वसंत चिटनिस का बुधवार (22 अक्टूबर 2025) को पुणे स्थित उनके निवास पर निधन हो गया। वे 100 वर्ष के थे। परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
डॉ. चिटनिस भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के शुरुआती वर्षों में एक प्रमुख भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिकों में से एक थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (INCOSPAR) की स्थापना और विकास में अहम योगदान दिया, जो आगे चलकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के रूप में विकसित हुई।
उन्होंने केरल के थुंबा में भारत के पहले रॉकेट प्रक्षेपण स्थल के चयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्ष 1981 से 1985 तक वे अहमदाबाद स्थित इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (SAC) के दूसरे निदेशक रहे।
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डॉ. चिटनिस को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई के करीबी सहयोगी के रूप में भी जाना जाता था। वे उनके साथ मिलकर देश के अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखने में शामिल रहे।
उन्होंने उस समय के युवा वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का मार्गदर्शन भी किया था, जो आगे चलकर भारत के राष्ट्रपति बने और ‘मिसाइल मैन’ के रूप में प्रसिद्ध हुए।
डॉ. चिटनिस अपने पीछे पुत्र डॉ. चेतन चिटनिस, पुत्रवधू अमिका और दो पोतियों — तारिनी और चांदनी — को छोड़ गए हैं।
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