संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ड्राफ्ट सीड्स बिल के खिलाफ आंदोलन तेज़ करने की घोषणा की है। 11 दिसंबर को सार्वजनिक प्रतिक्रिया जमा करने की अंतिम तारीख समाप्त हो रही है, और इसी बीच SKM ने किसानों से अपील की है कि वे सोमवार को बिल की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज करें। किसान संगठनों का आरोप है कि यह बिल किसानों के हितों के बजाय बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) और कॉरपोरेट घरानों को बीज आपूर्ति पर अधिक नियंत्रण देगा।
रविवार को जारी एक बयान में SKM ने कहा कि नया सीड्स बिल “संघीय ढांचे को कमजोर” करने के साथ-साथ “देश की खाद्य सुरक्षा और बीज संप्रभुता को नुकसान पहुँचाएगा।” किसान नेताओं का कहना है कि बिल में प्रस्तावित कई प्रावधान राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देते हैं और बीजों के उत्पादन, प्रसार और बिक्री पर कॉरपोरेट नियंत्रण बढ़ाते हैं।
किसान संगठनों के अनुसार, बीजों पर नियंत्रण किसी भी देश की कृषि और खाद्य सुरक्षा की रीढ़ होता है, और यदि बीजों का वाणिज्यिक नियंत्रण निजी हाथों में चला गया, तो किसानों की स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी। SKM ने दावे किए कि यह बिल किसानों को पारंपरिक बीज बचाने और उपयोग करने के अधिकार से भी वंचित कर सकता है।
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SKM ने कहा कि यह कानून कृषि क्षेत्र में कंपनियों की भूमिका को अत्यधिक बढ़ा देगा और छोटे किसानों को बाज़ार आधारित दवाब में और ज्यादा धकेल देगा। मोर्चा ने सभी किसान संगठनों से अपील की है कि वे बिल के खिलाफ संगठित होकर विरोध प्रदर्शनों में शामिल हों। SKM ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की चिंताओं को नजरअंदाज किया, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
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