भारत में पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम, प्रोजेक्ट चीता के तहत एक मादा चीते को 17 सितंबर को कुनो राष्ट्रीय उद्यान से गांधी सागर में स्थानांतरित किया जाएगा। यह कदम इस परियोजना की शुरुआत को तीन साल पूरे होने के अवसर पर लिया जा रहा है।
कुनो राष्ट्रीय उद्यान में हाल ही में एक किशोर मादा चीते की मौत के बाद यह स्थानांतरण और भी महत्वपूर्ण हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम न केवल संरक्षण और प्रजनन कार्यक्रम को जारी रखने के लिए है, बल्कि मादा चीते के स्वास्थ्य और जीवन सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है।
गांधी सागर स्थानांतरण स्थल पर मादा चीते के लिए पर्याप्त भोजन, पानी और सुरक्षित निवास उपलब्ध कराए गए हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम इसे बड़े ही सावधानी और विशेषज्ञ निगरानी के तहत करेगी, ताकि चीते का तनाव कम से कम हो और वह नए वातावरण में सहज हो सके।
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प्रोजेक्ट चीता का उद्देश्य भारत में चीते की आबादी को बहाल करना और उन्हें प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रखना है। इस योजना के तहत वर्तमान में कुनो राष्ट्रीय उद्यान और अन्य संरक्षण क्षेत्रों में चीते के पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मादा चीते का गांधी सागर स्थानांतरण भविष्य में प्रजनन और आबादी वृद्धि के दृष्टिकोण से अहम भूमिका निभाएगा। यह कदम वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है।
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