वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए एक नया लोगो जारी किया, जिसका उद्देश्य देशभर में इन बैंकों की एकल और एकीकृत ब्रांड पहचान को दर्शाना है। यह पहल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कार्यरत इन बैंकों की पहचान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
‘एक राज्य–एक आरआरबी’ के सिद्धांत के तहत वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यरत 26 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय किया है। यह व्यवस्था 1 मई 2025 से प्रभावी हो चुकी है। इस सुधार का उद्देश्य आरआरबी को अधिक सशक्त, सक्षम और कार्यकुशल बनाना है, ताकि वे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकें।
वर्तमान में देशभर में 28 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सक्रिय हैं, जो 700 से अधिक जिलों में फैले लगभग 22,000 से ज्यादा शाखाओं के विशाल नेटवर्क के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन बैंकों की भूमिका विशेष रूप से ग्रामीण समुदायों, किसानों, छोटे उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने में बेहद अहम रही है।
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वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि बड़े पैमाने पर हुए इस विलय के बाद क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए एक समान और साझा ब्रांड पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से यह कॉमन लोगो लॉन्च किया गया है। यह नया लोगो आरआरबी की एकजुटता, विश्वसनीयता और आधुनिक सोच को दर्शाता है।
लोगो के रंगों का चयन भी सोच-समझकर किया गया है, ताकि यह क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के उद्देश्यों, जैसे वित्तीय समावेशन, ग्रामीण विकास और भरोसे को प्रतीकात्मक रूप से दर्शा सके। सरकार का मानना है कि यह साझा ब्रांडिंग पहल आरआरबी को एक आधुनिक, विशिष्ट और आसानी से पहचाने जाने योग्य पहचान प्रदान करेगी।
इस पहल से न केवल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की दृश्यता और पहचान मजबूत होगी, बल्कि यह वित्तीय समावेशन और ग्रामीण विकास के प्रति उनकी सामूहिक प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगी।
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