वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कर विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार पर कड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि कुछ “काली भेड़ें” केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की छवि को धूमिल कर रही हैं।
सीतारमण का यह बयान हाल ही में सामने आए चेन्नई कस्टम्स रिश्वत मामले की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें तमिलनाडु स्थित आयातक कंपनी विन्ट्रैक (Wintrack) ने कुछ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगी और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीतारमण ने स्पष्ट किया कि एक भी भ्रष्ट अधिकारी पूरे विभाग की ईमानदारी पर सवाल खड़ा कर देता है और यह बर्दाश्त से बाहर है।
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वित्त मंत्री ने कहा कि कर विभाग का लक्ष्य एक पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक-हितैषी व्यवस्था तैयार करना है। उन्होंने ईमानदार अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि विभाग में ज्यादातर लोग पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों की गलत हरकतें पूरी संस्था की साख को नुकसान पहुंचा रही हैं।
सीतारमण ने अधिकारियों से अपील की कि वे जनता के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें, शिकायतों पर संवेदनशीलता दिखाएं और किसी भी अनुचित आचरण से दूर रहें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मंत्रालय आंतरिक निगरानी को और मज़बूत करेगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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