कांग्रेस सांसद और लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई ने रविवार (2 नवंबर 2025) को कहा कि वह पूर्वोत्तर क्षेत्र की विश्वविद्यालयों से जुड़े मुद्दों को संसद में मजबूती से उठाएंगे।
गोगोई ने कहा कि हाल के दिनों में पूर्वोत्तर की कई शीर्ष विश्वविद्यालयों — जैसे तेजपुर विश्वविद्यालय, नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (NEHU) और गुवाहाटी विश्वविद्यालय — गलत कारणों से खबरों में रही हैं। उन्होंने कहा कि अक्सर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की कार्यशैली ही चिंता का कारण बनती है।
गोगोई ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर असम के तेजपुर विश्वविद्यालय में चल रहे प्रशासनिक और संस्थागत संकट को लेकर गहरी चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि कभी ये संस्थान अकादमिक उत्कृष्टता के केंद्र माने जाते थे, लेकिन अब छात्र और शिक्षक दोनों विश्वविद्यालयों के कामकाज से असंतुष्ट हैं।
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गोगोई ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यह स्थिति विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन और रैंकिंग को प्रभावित कर रही है। मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय को तेजपुर विश्वविद्यालय के बारे में लिखा है, लेकिन मेरी चिंता पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं इस मुद्दे को संसद में मजबूती से उठाऊंगा और प्रधानमंत्री कार्यालय से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद रखता हूं।”
गौरव गोगोई का यह बयान ऐसे समय आया है जब पूर्वोत्तर के कई विश्वविद्यालय प्रशासनिक अस्थिरता, पारदर्शिता की कमी और अकादमिक वातावरण के गिरते स्तर को लेकर विवादों में हैं।
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