केंद्र सरकार ने लोकसभा में अगले सप्ताह ऑपरेशन सिंदूर और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर 16 घंटे की व्यापक चर्चा कराने पर सहमति जता दी है। इस फैसले को विपक्ष की एक बड़ी मांग को स्वीकार करने के रूप में देखा जा रहा है, जो लंबे समय से इन दोनों मुद्दों पर संसद में विस्तृत बहस की मांग कर रहा था।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष की चिंताओं को सुनने के लिए तैयार है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चर्चा के लिए समय निर्धारित कर दिया गया है। यह चर्चा अगले सप्ताह होगी और इसमें सभी प्रमुख दलों को अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा।
ऑपरेशन सिंदूर उस सैन्य अभियान का नाम है जिसमें सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में आतंकवाद के खिलाफ विशेष कार्रवाई की थी। वहीं, पहलगाम आतंकी हमले में हाल ही में कई जवान और आम नागरिक मारे गए, जिससे पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी।
विपक्षी दलों ने पहले दिन से इन दोनों घटनाओं पर संसद में बयान और बहस की मांग की थी, लेकिन हंगामे और गतिरोध के चलते कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी थी।
सरकार के इस निर्णय को विपक्षी दलों ने स्वागत योग्य बताया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि चर्चा निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए ताकि जनता के समक्ष सच्चाई आ सके।