केंद्र सरकार ने साफ किया है कि स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में नई फंडिंग रोकने या धीमी करने के लिए कोई औपचारिक सलाह जारी नहीं की गई है। यह स्पष्टिकरण रविवार (7 दिसंबर 2025) को तब आया जब एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में दावा किया गया कि नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने ऋणदाताओं से नए सोलर मॉडल संयंत्रों की फंडिंग पर सावधानी बरतने को कहा है, क्योंकि आपूर्ति मांग से अधिक हो गई है।
रिपोर्ट के बाद सोलर मॉडल उद्योग में चिंता बढ़ गई थी। कई निर्माताओं ने आशंका जताई कि ऐसा कदम पूरे क्षेत्र में फंडिंग को प्रभावित कर सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि उसने वित्त मंत्रालय से सिर्फ यह सलाह देने का अनुरोध किया था कि ऋणदाता अतिरिक्त सोलर पीवी मॉडल क्षमता के प्रस्तावों का मूल्यांकन करते समय “संतुलित और सूचित दृष्टिकोण” अपनाएं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह सलाह पूरे स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में फंडिंग रोकने का संकेत नहीं देती।
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सोलैक्स एनर्जी के अध्यक्ष एवं एमडी चेतन शाह ने कहा कि व्यापक प्रतिबंध लागू करने से घरेलू सेल निर्माण पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अगर फंडिंग रोकी गई, तो निर्माणाधीन परियोजनाओं में बाधा आएगी और भारत को आयातित सेल पर निर्भर रहना पड़ेगा।
हाल के वर्षों में कई भारतीय कंपनियों ने मॉडल उत्पादन बढ़ाया है और अमेरिकी बाजार पर दांव लगाया है। लेकिन अमेरिका में बढ़ी टैरिफ दरें और भारतीय शिपमेंट की चीनी घटकों के प्रति जांच ने निर्यात को प्रभावित किया है, जिससे घरेलू बाजार में अधिशेष उत्पादन की आशंका बढ़ गई है।
मंत्रालय के अनुसार, आने वाले वर्षों में मॉडल क्षमता एक-तिहाई बढ़कर 200 गीगावॉट और सेल उत्पादन चार गुना बढ़कर 100 गीगावॉट तक पहुंच सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि वह नीति समर्थन और अवसंरचना विकास के माध्यम से सौर निर्माण क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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