महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने गुरुवार को पद छोड़ दिया है, क्योंकि उन्हें देश का नया उपराष्ट्रपति चुना गया है। उनके पदमुक्त होने के बाद अब गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि नए उपराष्ट्रपति के रूप में राधाकृष्णन की नियुक्ति के चलते महाराष्ट्र राज्यपाल का पद रिक्त हो गया है। इस स्थिति में आचार्य देवव्रत को तब तक अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जब तक महाराष्ट्र के लिए स्थायी राज्यपाल की नियुक्ति नहीं हो जाती।
सी.पी. राधाकृष्णन ने राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान महाराष्ट्र में कई अहम मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाई। उनकी कार्यशैली को राजनीतिक संतुलन और प्रशासनिक स्पष्टता के लिए सराहा गया। अब उपराष्ट्रपति बनने के बाद उनसे देश की राजनीति और संसदीय परंपराओं को और मजबूती देने की अपेक्षा की जा रही है।
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वहीं आचार्य देवव्रत, जो वर्तमान में गुजरात के राज्यपाल हैं, शिक्षा और कृषि सुधारों के पक्षधर माने जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रह चुके देवव्रत का लंबा सार्वजनिक जीवन रहा है और उन्हें एक अनुशासित व स्पष्टवादी प्रशासक के तौर पर जाना जाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण राज्य में आचार्य देवव्रत की भूमिका चुनौतीपूर्ण होगी, खासकर ऐसे समय में जब राज्य राजनीतिक बदलावों और आने वाले चुनावों की तैयारी के दौर से गुजर रहा है।
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