गुजरात विधानसभा ने ‘जन विश्वास बिल’ पारित किया है, जिसका उद्देश्य छोटे और सामान्य अपराधों को अपराधमुक्त (decriminalise) करना है। यह बिल राज्य में न्यायिक प्रणाली को सरल बनाने और पुलिस तथा अदालतों पर बोझ कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बिल के तहत कई ऐसे अपराध जिन्हें पहले दंडनीय माना जाता था, अब उन्हें केवल नागरिक उल्लंघन के रूप में देखा जाएगा। इसमें ट्रैफिक नियमों, उपभोक्ता संरक्षण, व्यावसायिक लाइसेंस और अन्य सामान्य प्रशासनिक उल्लंघनों से जुड़े मामूली मामलों को शामिल किया गया है। सरकार का कहना है कि इससे जनता के प्रति न्यायपालिका और प्रशासन की प्रक्रिया अधिक सुलभ और पारदर्शी होगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बिल से पुलिस और अदालतों का समय उन गंभीर मामलों पर केंद्रित किया जा सकेगा जिनमें जीवन, संपत्ति या राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इसके अलावा, नागरिकों को छोटे अपराधों के लिए गंभीर कानूनी प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
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बिल के समर्थक मानते हैं कि यह कानून व्यवसायिक और व्यक्तिगत गतिविधियों में सुधार लाने के साथ-साथ नागरिकों का विश्वास बढ़ाएगा। वहीं, आलोचकों का कहना है कि किसी सीमा तक निगरानी और कार्यान्वयन की आवश्यकता होगी ताकि इसका दुरुपयोग न हो।
राज्य सरकार का कहना है कि जन विश्वास बिल का उद्देश्य लोगों के अधिकारों की रक्षा करना और न्यायपालिका को अधिक प्रभावी बनाना है। यह कदम गुजरात को कानूनी सुधारों और सुशासन की दिशा में एक नई दिशा देगा।
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