गुजरात में नवरात्रि के दौरान हुई साम्प्रदायिक झड़प के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 186 अवैध संपत्तियों को बुलडोज़र से ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई झड़प के कुछ ही घंटों बाद शुरू की गई, जिसमें कई जिलों की पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें शामिल थीं। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा के दौरान करीब 200 से अधिक लोग शामिल थे और अब तक 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
रिपोर्टों के अनुसार, यह झड़प नवरात्रि के दौरान आयोजित एक गरबा कार्यक्रम में विवाद के बाद शुरू हुई, जो जल्द ही हिंसक रूप ले बैठी। दोनों पक्षों के बीच पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए और कई वाहनों व दुकानों को नुकसान पहुंचा। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया और प्रभावित क्षेत्रों में धारा 144 लागू की गई।
जिला प्रशासन ने कहा कि जिन संपत्तियों पर कार्रवाई की गई, वे या तो अवैध निर्माण थीं या हिंसा में शामिल लोगों की थीं। प्रशासन ने इसे “शांतिवार्ता के संदेश” के रूप में देखा है और चेतावनी दी है कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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राज्य सरकार ने कहा कि “कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा” और दोषियों को उदाहरण स्वरूप दंडित किया जाएगा। वहीं, विपक्षी दलों ने बुलडोज़र कार्रवाई को “पक्षपातपूर्ण” बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।
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