ढाका की एक विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पिछले वर्ष छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों पर हिंसक दमन के लिए मानवता-विरोधी अपराधों में दोषी करार दिया है। अदालत ने उन्हें अनुपस्थिति में दो अन्य अधिकारियों के साथ दोषी ठहराते हुए कहा कि हसीना इस अभियान की “मुख्य साज़िशकर्ता और प्रमुख योजनाकार” थीं। सरकारी नौकरियों में विवादित कोटा व्यवस्था के खिलाफ भड़की देशव्यापी आंदोलनों को दबाने के दौरान लगभग 1,400 लोगों की मौत हुई थी। फैसले के बाद बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया है और देश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
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