तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हुई थी। अब एक हालिया अध्ययन ने इस त्रासदी में अत्यधिक गर्मी (हीट स्ट्रेस) को एक प्रमुख कारण बताया है।
चेन्नई स्थित पर्यावरण समूह ‘पूवुलगिन ननबरगल’ के शोधकर्ताओं — अनु मणि, प्रिया सुरेश और निगझ — द्वारा किए गए इस विश्लेषण में बताया गया है कि अत्यधिक तापमान, भीड़ की घनत्व और खराब आयोजन व्यवस्था ने मिलकर जानलेवा स्थिति पैदा कर दी।
अध्ययन में पुनाल फ्रेमवर्क और यूनिवर्सल थर्मल क्लाइमेट इंडेक्स (UTCI) का उपयोग किया गया, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि घनी भीड़ से उत्पन्न गर्मी उतनी ही तीव्र थी जितनी ऊर्जा सूर्य की किरणों से उसी क्षेत्र पर पड़ती है। इससे क्षेत्र में गर्मी का संचय और बढ़ गया, जिससे कई लोगों को गंभीर तापीय तनाव (थर्मोफिज़ियोलॉजिकल स्ट्रेस) का सामना करना पड़ा।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि इतनी बड़ी भीड़ में गर्मी के प्रभाव को नजरअंदाज करना एक बड़ी चूक साबित हुई। पर्याप्त वेंटिलेशन, छाया और पानी की व्यवस्था न होने से लोगों का शरीर तापमान तेजी से बढ़ा, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग बेहोश हो गए और भगदड़ मच गई।
हालांकि इस अध्ययन के निष्कर्षों की स्वतंत्र पुष्टि अभी बाकी है, लेकिन यह रिपोर्ट भीड़भाड़ वाले आयोजनों में जलवायु और तापमान प्रबंधन की अहमियत पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
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