हिमाचल प्रदेश में इस साल मॉनसून के कहर से अब तक 298 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, इन मौतों में से 152 सीधे तौर पर बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण हुईं, जबकि 146 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई।
एसडीएमए की रिपोर्ट में बताया गया कि बारिश से जुड़ी घटनाओं में भूस्खलन, अचानक आई बाढ़, घर गिरने और अन्य मौसम से प्रेरित हादसे शामिल हैं। इन घटनाओं के कारण न केवल जनहानि हुई है, बल्कि सैकड़ों परिवार बेघर भी हो गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों का बड़ा कारण फिसलन भरी सड़कों, क्षतिग्रस्त मार्गों और भारी बारिश के दौरान वाहन नियंत्रण खोने की घटनाएं रही हैं। कई क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं, जिससे बचाव और राहत कार्यों में भी कठिनाइयाँ आईं।
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एसडीएमए अधिकारियों ने कहा कि लगातार बारिश और मौसम की खराबी के कारण कई जगहों पर बिजली, पानी और संचार सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं तथा स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर संवेदनशील इलाकों में। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है और सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
यह रिपोर्ट हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे और बेहतर आपदा प्रबंधन की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित करती है।
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