हांगकांग के वांग फुक कोर्ट अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में लगी भयानक आग में मरने वालों की संख्या बढ़कर 146 हो गई है। रविवार को जली हुई इमारतों में तलाश के दौरान और शव मिलने के बाद यह आंकड़ा बढ़ा। इस दुखद घटना को शहर के इतिहास की सबसे भीषण आगजनी में से एक बताया जा रहा है।
हांगकांग पुलिस के डिज़ास्टर विक्टिम आइडेंटिफिकेशन यूनिट के अधिकारी चेंग का-चुन ने बताया कि टीम अपार्टमेंट के कमरों से लेकर छतों तक हर हिस्से की बारीकी से जांच कर रही है। इमारतें सुरक्षित हैं, लेकिन अंदर अत्यधिक अंधेरा और जली हुई संरचना के कारण खोजबीन धीमी चल रही है। अब तक सात में से चार ब्लॉकों की जांच पूरी हो चुकी है।
ताज़ा खोज में 30 और शव मिले हैं, जिनमें 12 वे भी शामिल हैं जिन्हें पहले फायर ब्रिगेड ने देखा था पर निकाला नहीं जा सका था। लगभग 100 लोग अब भी लापता हैं और 79 घायल हुए हैं।
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वांग फुक कोर्ट की आठों इमारतें 31 मंज़िला हैं और सभी पर निर्माण कार्य चल रहा था। इमारतों पर बांस की मचान और नायलॉन नेट लगा था, जबकि खिड़कियों को पॉलीस्टायरीन पैनलों से ढका गया था। जांच में पता चल रहा है कि क्या सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हुआ था।
सरकार ने उसी ठेकेदार की 28 इमारत परियोजनाओं पर सुरक्षा ऑडिट के लिए काम रोक दिया है। तीन लोगों को गैर-इरादतन हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया, जबकि बाद में भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने आठ और लोगों को हिरासत में लिया।
इस आग में सात इंडोनेशियाई और कई फिलिपिनो कामगार भी मारे गए। हजारों लोगों को अस्थायी आश्रयों और होटलों में रखा गया है।
यह आग 1948 की वेयरहाउस आग के बाद सबसे घातक घटना है।
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