भारत सरकार द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2025 में एक बार फिर आईआईटी-मद्रास ने अपना दबदबा कायम रखा है। लगातार सातवें वर्ष यह संस्थान देश का नंबर-वन उच्च शिक्षण संस्थान बना है।
रैंकिंग के अनुसार, आईआईएससी बेंगलुरु ने दूसरा स्थान हासिल किया है, जबकि आईआईटी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा। यह नतीजे इस बात को दर्शाते हैं कि तकनीकी और अनुसंधान शिक्षा में आईआईटी-मद्रास ने खुद को शीर्ष पर बनाए रखा है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (शिक्षा मंत्रालय) द्वारा हर साल जारी की जाने वाली यह रैंकिंग शिक्षण, अनुसंधान, स्नातक परिणाम, आउटरीच और समावेशन जैसे मानकों पर आधारित होती है। आईआईटी-मद्रास ने इन सभी मानकों पर शानदार प्रदर्शन कर अपनी अग्रणी स्थिति को बनाए रखा।
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आईआईटी-मद्रास ने हाल के वर्षों में इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप इनोवेशन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसका इनक्यूबेशन सेल और रिसर्च आउटपुट इसे अन्य संस्थानों से अलग बनाता है। वहीं, आईआईएससी बेंगलुरु ने विज्ञान और शोध कार्यों में बेहतरीन प्रदर्शन किया, और आईआईटी मुंबई ने भी उद्योग-शैक्षणिक सहयोग के लिए खास पहचान बनाई है।
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार सात वर्षों तक शीर्ष स्थान पाना किसी भी संस्थान के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल संस्थान की अकादमिक गुणवत्ता को दर्शाता है, बल्कि भारत में विश्व-स्तरीय शिक्षा और अनुसंधान की क्षमता को भी उजागर करता है।
सरकार का कहना है कि इन रैंकिंग्स का उद्देश्य संस्थानों के बीच सकारात्मक प्रतिस्पर्धा पैदा करना और शिक्षा प्रणाली में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।
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