इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और पुणे के कई अस्पतालों ने सह्याद्री सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, हडपसर में हुए हमले और तोड़फोड़ की घटना की कड़ी निंदा की है। यह घटना एक मरीज की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बाद हुई, जिसके बाद कुछ लोगों ने अस्पताल में घुसकर हमला और नुकसान पहुंचाया। IMA के सदस्यों ने मांग की है कि महाराष्ट्र मेडिकेयर एक्ट 2010 के तहत दोषियों पर बिना किसी राजनीतिक दबाव के त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए।
IMA की पुणे इकाई के अध्यक्ष डॉ. सुनील इंगले ने कहा कि सामान्यतः हर चिकित्सा संस्थान मरीज को सर्वोत्तम इलाज और आवश्यक देखभाल प्रदान करता है। इलाज की शुरुआत से ही मरीज और उसके परिजनों को उनकी स्थिति, उपचार और संभावित जोखिमों के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी दी जाती है। उपचार के दौरान भी अस्पताल की टीम समय-समय पर परिजनों को स्थिति से अवगत कराती रहती है, ताकि किसी भी गलतफहमी की गुंजाइश न रहे।
उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से बीमार या आईसीयू में भर्ती मरीजों की स्थिति कभी भी बिगड़ सकती है। इसके बावजूद डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ हमेशा मरीज की जान बचाने के लिए पूरी ईमानदारी और मेहनत से प्रयास करते हैं। लेकिन यदि मरीज के परिजनों को किसी प्रकार की शिकायत या असंतोष है, तो इसके समाधान के लिए कानूनी और प्रशासनिक माध्यम मौजूद हैं। हिंसा या अस्पताल पर हमला किसी भी रूप में उचित नहीं है और इससे केवल चिकित्सा व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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IMA और पुणे के अस्पतालों ने एकजुट होकर कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला एक गंभीर अपराध है, जो न केवल अस्पतालों की कार्यप्रणाली को बाधित करता है, बल्कि समाज के लिए भी खतरा पैदा करता है। उन्होंने ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग दोहराई।
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