आयकर अधिनियम को सरल और सुव्यवस्थित बनाने का कार्य केंद्र सरकार के कर अधिकारियों ने मात्र छह महीने में पूरा किया। यह एक बेहद जटिल और विशाल काम था, जिसके लिए लगभग 75,000 मानव-घंटों का समय लगाया गया।
अधिकारियों के अनुसार, मौजूदा आयकर अधिनियम में कई दशकों में विभिन्न संशोधनों और प्रावधानों के कारण अत्यधिक जटिलता आ गई थी। इसे कम करने और नियमों को आम करदाताओं के लिए समझने योग्य बनाने की आवश्यकता महसूस की गई।
इस काम के दौरान अधिनियम की विभिन्न धाराओं और प्रावधानों की गहन समीक्षा की गई। पुराने और अप्रासंगिक प्रावधान हटाए गए, दोहराव को समाप्त किया गया और भाषा को सरल बनाया गया। उद्देश्य था कि करदाताओं के लिए न केवल कानून स्पष्ट हो, बल्कि अनुपालन (compliance) भी आसान बने।
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वित्त मंत्रालय का कहना है कि यह सुधार न केवल करदाताओं को राहत देगा, बल्कि कर प्रशासन की कार्यप्रणाली को भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा। अधिकारियों ने बताया कि समय की कमी के बावजूद टीम ने दिन-रात काम करके इस परियोजना को समय पर पूरा किया।
सरकार का मानना है कि इससे कर कानून को लेकर अस्पष्टता कम होगी और विवादों की संख्या में गिरावट आएगी। यह कदम आयकर प्रणाली को आधुनिक, सरल और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
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