प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से संबोधित करते हुए घोषणा की कि भारत ने अपनी महत्वाकांक्षी जलवायु प्रतिबद्धता को निर्धारित समय से पाँच वर्ष पहले ही पूरा कर लिया है। उन्होंने बताया कि देश की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का 50% हिस्सा अब गैर-जीवाश्म स्रोतों से आ रहा है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
मोदी ने कहा कि भारत ने यह सफलता दुनिया को यह दिखाने के लिए हासिल की है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से निवेश को बढ़ावा दिया, जिससे सौर, पवन और जल ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स को अभूतपूर्व समर्थन मिला।
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की प्रगति न केवल घरेलू ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रही है, बल्कि वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में भी योगदान दे रही है। यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब विश्व जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है।
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मोदी ने कहा कि भारत ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को और बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की योजना है। उन्होंने युवाओं और उद्योगों से इस हरित क्रांति में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
यह उपलब्धि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत करेगी और यह संकेत देगी कि विकासशील देश भी बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन से निपटने में नेतृत्व कर सकते हैं।
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