भारत और फ्रांस ने रक्षा सहयोग को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हुए अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए स्वदेशी जेट इंजन बनाने की दिशा में काम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह परियोजना दोनों देशों की तकनीकी विशेषज्ञता और सामरिक साझेदारी को मजबूत करने वाला एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य भारत की आत्मनिर्भरता को रक्षा क्षेत्र में और आगे बढ़ाना है। अब तक भारत को लड़ाकू विमानों के लिए विदेशी तकनीक पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन फ्रांस की उन्नत इंजन तकनीक और भारत की इंजीनियरिंग क्षमता के संयोजन से यह परियोजना लंबे समय तक टिकाऊ समाधान प्रदान कर सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस सहयोग से न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा, बल्कि भविष्य के युद्धक विमानों के लिए अत्याधुनिक इंजन तैयार किए जा सकेंगे। इससे भारत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकेगा और वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धा भी बढ़ा सकेगा।
और पढ़ें: नेटफ्लिक्स शो में बॉम्बे कहने पर MNS ने कपिल शर्मा को दी धमकी
भारत और फ्रांस पहले भी राफेल लड़ाकू विमानों और अन्य रक्षा परियोजनाओं पर साथ काम कर चुके हैं। यह नई पहल उस भरोसे और गहरी रणनीतिक साझेदारी का उदाहरण है, जो दोनों देशों के बीच लगातार मजबूत हो रही है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह परियोजना भारत को रक्षा निर्यातक देशों की श्रेणी में और अधिक मजबूती से स्थापित कर सकती है।
और पढ़ें: विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी: श्रीनगर में AAP सांसद संजय सिंह को विरोध रजिस्टर करने से रोका गया