एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि भारत दुनिया में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सबसे अधिक झुग्गी बस्तियों वाला देश है। अध्ययन के अनुसार, भारत में 15.8 करोड़ से अधिक लोग झुग्गी बस्तियों में रहते हैं, जो बाढ़ के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। इन बस्तियों में रहने वाले लोगों का एक बड़ा हिस्सा गंगा नदी के डेल्टा क्षेत्र में केंद्रित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शहरीकरण की तीव्र गति और अनियोजित निर्माण के कारण निचले और बाढ़ प्रवण इलाकों में झुग्गी बस्तियों का विस्तार तेजी से हुआ है। इन क्षेत्रों में न तो पर्याप्त जल निकासी प्रणाली है और न ही बाढ़ से बचाव के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा, जिससे हर मानसून में लाखों लोगों को विस्थापन और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से बाढ़ की घटनाएं और अधिक बढ़ेंगी, जिससे इन झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों की स्थिति और खराब हो सकती है। गंगा डेल्टा जैसे क्षेत्रों में भारी वर्षा और नदियों के जलस्तर में अचानक वृद्धि अक्सर इन बस्तियों में तबाही मचाती है।
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अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया है कि सरकार को शहरी विकास योजनाओं में बाढ़ प्रबंधन और झुग्गी पुनर्वास को प्राथमिकता देनी चाहिए। बेहतर जल निकासी प्रणाली, ऊंचे आवास निर्माण और आपदा प्रबंधन योजनाओं के जरिये इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
यदि समय रहते इन संवेदनशील बस्तियों के पुनर्विकास के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में बाढ़ से जनहानि और आर्थिक क्षति का खतरा और बढ़ सकता है।
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