भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना, एनएचपीसी का 2,000 मेगावाट का सुभांसिरी लोअर हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट, जो अरुणाचल प्रदेश और असम की सीमा पर स्थित है, के आठ यूनिट्स में से एक का परीक्षण संचालन (टेस्ट रन) शुरू हो गया है। यह संकेत है कि परियोजना जल्द ही संचालन के लिए तैयार हो सकती है।
इस परियोजना का कार्य 2011 से 2019 तक रोक दिया गया था, जब स्थानीय विरोध और प्रदर्शनों के कारण निर्माण कार्य स्थगित था। परियोजना के पुनः शुरू होने के बाद इंजीनियरिंग और तकनीकी तैयारियों को पूरा किया गया और अब परीक्षण के लिए पहली इकाई चालू की गई है।
एनएचपीसी के अधिकारियों ने बताया कि परीक्षण संचालन के दौरान तकनीकी दक्षता, सुरक्षा मानकों और विद्युत उत्पादन क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा। परियोजना पूरी तरह से चालू होने पर न केवल इस क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी बल्कि भारत के राष्ट्रीय ग्रिड को लगभग 2,000 मेगावाट बिजली भी प्रदान करेगी।
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सुभांसिरी परियोजना न केवल ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास, रोजगार सृजन और स्थानीय बुनियादी ढांचे के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। परियोजना के पूर्ण संचालन से जल विद्युत क्षेत्र में भारत की स्थिति मजबूत होगी और अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि परियोजना के सफल परीक्षण और संचालन से असम और अरुणाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में स्थायी विकास, सिंचाई सुविधाओं और रोजगार सृजन में भी सुधार होगा।
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