भारत ने रविवार (7 दिसंबर 2025) को शंघाई में अपना नया, अत्याधुनिक वाणिज्य दूतावास भवन उद्घाटित किया। यह चीन के प्रमुख व्यापारिक केंद्र में 32 वर्षों में पहली बार दूतावास के स्थानांतरण का प्रतीक है। यह नया चांसरी भवन शंघाई के चांगनिंग जिले के डॉनिंग सेंटर में स्थित है और 1,436.63 वर्ग मीटर में फैला है, जो पहले दूतावास से दोगुने आकार का है। इसका संचालन 8 दिसंबर से शुरू होगा।
उद्घाटन भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत द्वारा किया गया, जिन्होंने भारत-चीन के 75 वर्ष के राजनयिक संबंधों के बीच इस कदम को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि शंघाई भारत के लिए विशेष महत्व रखता है और नया वाणिज्य दूतावास विश्व-स्तरीय सुविधाओं के साथ संबंधों को और मजबूत करेगा।
नए भवन के उद्घाटन समारोह में 400 से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें विभिन्न देशों के राजनयिक, शंघाई नगर सरकार के प्रतिनिधि और शंघाई, हांगझोउ, निंगबो, सूझोउ, नानजिंग, यीवू और केकियाओ जैसे शहरों के भारतीय प्रवासी शामिल थे।
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कौंसल जनरल प्रतीक माथुर ने अपने संबोधन में भारतीय नागरिकों और चीनी भागीदारों को निर्बाध सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि नए भवन में वीज़ा, वाणिज्यिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक सेवाएं एक ही आधुनिक और सुरक्षित परिसर में उपलब्ध होंगी, जिससे दक्षता और सेवा गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा।
माथुर ने यह भी कहा कि हांगकियाओ–गुबई विदेशी व्यापार कॉरिडोर में स्थित यह दूतावास रणनीतिक रूप से बेहद उपयुक्त है, जहाँ कई अंतरराष्ट्रीय दूतावास और बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ मौजूद हैं। इसके अलावा हांगकियाओ परिवहन केंद्र और गुबई अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निकटता पूर्वी चीन में भारत की बढ़ती उपस्थिति को मजबूत करेगी।
उन्होंने PM मोदी की "सबका साथ, सबका विकास" की भावना का उल्लेख करते हुए कहा कि नया दूतावास उसी समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है। हाल ही में भारत-शंघाई सीधी उड़ानों की शुरुआत से व्यापार और यात्राओं में वृद्धि की संभावनाएं भी मजबूत हुई हैं।
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