प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस सम्मेलन में घोषणा की कि भारत और रूस ने 2030 तक आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए एक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति जताई है। उन्होंने बताया कि दोनों देश यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि दोनों राष्ट्र 2025 तक 50 अरब डॉलर के पारस्परिक निवेश और 2030 तक 100 अरब डॉलर के वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
बैठक के दौरान दोनों नेताओं की उपस्थिति में खाद, खाद्य सुरक्षा, शिपिंग और अन्य क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। रूस ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए ईंधन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने का आश्वासन भी दिया। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, "हम भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए ईंधन की निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के लिए तैयार हैं।"
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भारतीय कंपनियों ने रूस की URALCHEM के साथ रूस में एक यूरिया प्लांट स्थापित करने के लिए समझौता किया, जो द्विपक्षीय औद्योगिक सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है।
दोनों नेताओं ने 2030 तक भारत-रूस आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्रों के विकास कार्यक्रम को भी अपनाया। साथ ही, उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
इसके अतिरिक्त, खाद्य सुरक्षा, चिकित्सा विज्ञान, उपभोक्ता संरक्षण, जहाज संचालन और प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में भी कई MoUs पर हस्ताक्षर हुए। बंदरगाह और शिपिंग क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता भी किया गया।
भारत के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस में शामिल होने के ढांचे पर भी रूस ने सहमति व्यक्त की।
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत-रूस संबंध कई ऐतिहासिक पड़ाव पार कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि पुतिन ने करीब 25 वर्ष पहले भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी।
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