भारत के राजदूत संतोष झा ने सोमवार (8 दिसंबर 2025) को श्रीलंकाई नेता नमल राजपक्षे से मुलाकात की और चक्रवात ‘दित्वा’ से बुरी तरह प्रभावित श्रीलंका को भारत की निरंतर सहायता का पुनः आश्वासन दिया। यह मुलाकात उस समय हुई जब श्रीलंका विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलनों से जूझ रहा है, जिनमें अब तक लगभग 630 लोगों की जान जा चुकी है और देश के कई हिस्सों में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है।
भारतीय उच्चायोग द्वारा एक्स पर साझा किए गए संदेश के अनुसार, नमल राजपक्षे ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत भारत द्वारा चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्यों के लिए धन्यवाद दिया। संतोष झा ने इस दौरान आश्वस्त किया कि भारत श्रीलंका के पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में लगातार सहयोग करता रहेगा।
चक्रवात दित्वा ने श्रीलंका में व्यापक तबाही मचाई है और देश की आपदा प्रबंधन क्षमता पर गहरा असर डाला है। अत्यधिक बारिश और तेज हवाओं के कारण हुए भूस्खलनों तथा बाढ़ ने कई जिलों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। भारत सहित कई देश श्रीलंका को राहत और पुनर्वास सहायता प्रदान कर रहे हैं।
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भारत, श्रीलंका की अंतरराष्ट्रीय सहायता मांग का जवाब देने वाला पहला देश था। ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत भारत ने भूमि और वायु मार्ग से त्वरित मानवीय सहायता पहुंचाई, जिसमें आपातकालीन राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता और बचाव टीमों की तैनाती शामिल है।
सोमवार सुबह (8 दिसंबर 2025) तक कम से कम 627 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 190 लोग अब भी लापता हैं। 16 नवंबर से जारी अत्यधिक मौसम स्थितियों ने श्रीलंका में भारी विनाश और मानवीय संकट को जन्म दिया है।
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