भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अनुमान जताया है कि सितंबर माह में देश में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। इसके साथ ही आईएमडी ने अचानक आने वाली बाढ़ और भूस्खलन को लेकर चेतावनी भी जारी की है।
आईएमडी के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत में अगस्त महीने के दौरान 265 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 2001 के बाद इस महीने की सबसे अधिक बारिश है। यह 1901 के बाद से अगस्त में दर्ज हुई वर्षा के लिहाज से 13वां सबसे ऊँचा स्तर है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार सक्रिय मानसून और अनुकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण सितंबर में भी वर्षा की तीव्रता बढ़ सकती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह अतिरिक्त वर्षा जहां कृषि के लिए लाभकारी हो सकती है, वहीं अत्यधिक बारिश से निचले इलाकों में जलभराव, अचानक बाढ़ और पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है। आईएमडी ने राज्यों को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन की तैयारियां मजबूत करने की सलाह दी है।
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आईएमडी के अधिकारियों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के पैटर्न में बदलाव हो रहा है, जिससे कभी-कभी लंबे सूखे के बाद अचानक भारी वर्षा की घटनाएं सामने आती हैं। विभाग का अनुमान है कि सितंबर में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना 40-45% तक हो सकती है।
केंद्र और राज्य सरकारें प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की योजना पहले से तैयार करने में जुट गई हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
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