भारतीय सेना ने अपने सामरिक युद्धक्षेत्र को सुरक्षित बनाने के लिए स्वदेशी विकसित 'सक्षम काउंटर-UAS ग्रिड' को शामिल किया है। यह प्रणाली विशेष रूप से ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
सेना के अनुसार, सक्षम ग्रिड में रीयल-टाइम थ्रेट डिटेक्शन की क्षमता है, जिससे किसी भी संभावित खतरे की तुरंत पहचान की जा सकती है। इसके अलावा, इसमें AI-सक्षम प्रेडिक्टिव एनालिसिस शामिल है, जो संभावित हमलों की भविष्यवाणी करने और प्रतिक्रिया की तैयारी करने में मदद करता है।
सक्षम ग्रिड की एक और महत्वपूर्ण विशेषता है सेंसर और हथियारों का एकीकृत संचालन, जिससे खतरे का सामना करते हुए समन्वित और त्वरित कार्रवाई संभव होती है। इसके माध्यम से सेना को तीन-आयामी (3D) युद्धक्षेत्र का विज़ुअलाइजेशन भी उपलब्ध होता है, जो निर्णय लेने में और रणनीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रणाली के शामिल होने से भारतीय सेना स्मार्ट और टेक्नोलॉजी-आधारित सुरक्षा ढांचे की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है। यह न केवल सैन्य क्षमताओं में वृद्धि करेगी, बल्कि आधुनिक युद्ध की बदलती चुनौतियों से निपटने में भी सहायक साबित होगी।
सक्षम का विकास स्थानीय रक्षा उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से किया गया है, जिससे यह तकनीक पूरी तरह स्वदेशी और आत्मनिर्भर है। सेना ने कहा कि यह प्रणाली आगामी वर्षों में सभी प्रमुख युद्धक्षेत्रों में लागू की जाएगी, ताकि भारत का सामरिक क्षेत्र सुरक्षित और मजबूती से संरक्षित रहे।
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