भारतीय रेलवे ने देश में यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या और तेज़ी से बढ़ती यात्रा मांग को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा बुनियादी ढांचा विस्तार कार्यक्रम तैयार किया है। रेलवे मंत्रालय ने शुक्रवार (26 दिसंबर 2025) को बताया कि वर्ष 2030 तक देश के 48 प्रमुख शहरों में नई ट्रेनों को शुरू करने की क्षमता को दोगुना करने की योजना बनाई गई है। मंत्रालय ने कहा कि आने वाले वर्षों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मौजूदा रेलवे अवसंरचना का विस्तार और सुदृढ़ीकरण बेहद आवश्यक है।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। इनमें मौजूदा टर्मिनलों पर अतिरिक्त प्लेटफॉर्म का निर्माण, शहरी क्षेत्रों के भीतर और आसपास नए टर्मिनलों की पहचान और स्थापना, कोचों के रखरखाव के लिए मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स जैसे रखरखाव केंद्रों का निर्माण और ट्रैफिक सुविधा से जुड़े कार्यों के जरिए सेक्शन क्षमता में वृद्धि शामिल है।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि केवल मुख्य टर्मिनल स्टेशनों पर ही नहीं, बल्कि उनके आसपास के स्टेशनों को भी योजना में शामिल किया जाएगा, ताकि क्षमता का संतुलित विस्तार हो सके। उदाहरण के तौर पर पुणे शहर में पुणे स्टेशन के साथ-साथ हडपसर, खड़की और आलंदी स्टेशनों पर भी प्लेटफॉर्म और स्टेबलिंग लाइनों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया गया है।
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रेलवे मंत्रालय ने कहा कि यह योजना उपनगरीय (सबअर्बन) और गैर-उपनगरीय, दोनों तरह के यातायात को ध्यान में रखकर तैयार की जाएगी, क्योंकि दोनों की आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पटना, पुणे, मथुरा, आगरा और लुधियाना जैसे 48 प्रमुख शहरों के लिए एक विस्तृत योजना तैयार कर योजना निदेशालय को सौंपी जाएगी।
मंत्रालय के अनुसार, यह योजना तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक—तीन श्रेणियों में विभाजित होगी, ताकि अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से क्षमता बढ़ाई जा सके और यात्रियों को तुरंत लाभ मिल सके।
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