गाज़ा सिटी पर नियंत्रण स्थापित करने की इज़राइल की योजना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। माना जा रहा है कि इस सैन्य अभियान से न केवल शहर के आम नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, बल्कि वहां मौजूद बंधकों की जान को भी गंभीर खतरा हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, इज़राइल गाज़ा सिटी के प्रमुख क्षेत्रों पर कब्ज़ा करने के लिए बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान की तैयारी कर रहा है। इसका उद्देश्य हमास के प्रभाव को समाप्त करना और सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में लेना है। हालांकि, गाज़ा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में इस तरह की कार्रवाई से भारी जनहानि और बुनियादी ढांचे के विनाश की आशंका जताई जा रही है।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि गाज़ा में पहले से ही मानवीय स्थिति बेहद गंभीर है, जहां पानी, भोजन, दवाइयों और बिजली की भारी कमी है। ऐसे में किसी भी बड़े सैन्य अभियान से हालात और बिगड़ सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी चेतावनी दी है कि इस योजना को लागू करने से पहले नागरिकों और बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है।
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बंधकों के परिवारों ने इज़राइली सरकार से अपील की है कि किसी भी सैन्य कार्रवाई से पहले उनके प्रियजनों की रिहाई के लिए कूटनीतिक और वार्तात्मक प्रयासों को प्राथमिकता दी जाए। उनका कहना है कि सीधा सैन्य दबाव बंधकों की जान को खतरे में डाल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह योजना लागू होती है, तो गाज़ा और इज़राइल के बीच संघर्ष और गहराएगा, जिससे न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्थिरता पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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