झारखंड में प्रतिबंधित माओवादी संगठन द्वारा ‘प्रतिरोध सप्ताह’ और बंद के आह्वान के बाद राज्यभर में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने सभी संवेदनशील जिलों में सघन तलाशी और कॉम्बिंग अभियान तेज कर दिए हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हाल के महीनों में माओवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए की गई निरंतर कार्रवाई, सर्च ऑपरेशन और कई वांछित नक्सलियों के मारे जाने या आत्मसमर्पण करने से संगठन दबाव में है। इसी कारण माओवादी अब ‘प्रतिरोध सप्ताह’ के नाम पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं।
राज्य पुलिस ने बताया कि पश्चिम सिंहभूम, लातेहार, पलामू, गढ़वा, चतरा और खूंटी जैसे जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सुरक्षा बलों को जंगली इलाकों में लगातार गश्त करने और सड़क किनारे विस्फोटक जांच के निर्देश दिए गए हैं। रेलवे ट्रैक, संचार टावर और सरकारी प्रतिष्ठानों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ की कोशिश न हो सके।
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पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हाल की सफलताओं ने माओवादी संगठनों की कमर तोड़ दी है। बड़ी संख्या में सदस्यों के आत्मसमर्पण और नेतृत्व स्तर पर हो रही कमी ने उनकी ताकत घटाई है। इसके बावजूद, प्रशासन किसी भी संभावित हमले या हिंसा की आशंका को ध्यान में रखते हुए कोई ढिलाई नहीं बरत रहा है।
झारखंड सरकार ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दें।
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