धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गठित अपीलीय ट्रिब्यूनल ने कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी संपत्तियों की कुर्की को चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल ने ईडी की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि अभियोजन शिकायत दाखिल करने में हुई देरी कोविड-19 महामारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अंतर्गत संरक्षित है।
प्रवर्तन निदेशालय ने वर्ष 2023 में कार्ति चिदंबरम की ₹11.04 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की थीं। ये संपत्तियां आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी बताई गई हैं। ईडी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि ये कार्रवाई अवैध रूप से प्राप्त धन से अर्जित संपत्तियों पर की गई है।
मामले के अनुसार, कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) से मंजूरी दिलाने में मदद के बदले में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। यह मंजूरी उस समय दी गई थी जब उनके पिता पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे।
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ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि ईडी की कुर्की वैधानिक रूप से उचित है और इसे रद्द करने का कोई कारण नहीं है। इस फैसले के बाद ईडी की कार्रवाई को और मजबूती मिली है, जबकि कार्ति चिदंबरम को अब उच्च न्यायालय में अपील का विकल्प बचा है।
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