एक हालिया सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व (Kaziranga National Park and Tiger Reserve) उत्तर-पूर्व भारत में पाई जाने वाली उभयचर और सरीसृप प्रजातियों का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा अपने अंदर समेटे हुए है। यह सर्वेक्षण वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) और काज़ीरंगा वन विभाग के संयुक्त प्रयास से किया गया।
सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि 1,307.49 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस उद्यान में उत्तर-पूर्व भारत में दर्ज 274 उभयचर और सरीसृप प्रजातियों में से लगभग 110 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके अलावा, एक अन्य सर्वेक्षण में यहां 77 प्रजातियों की मीठे पानी की मछलियाँ दर्ज की गईं, जो इस क्षेत्र की जैव विविधता का प्रमाण है।
इनमें से कई प्रजातियाँ दुर्लभ और संकटग्रस्त हैं। विशेष रूप से सिर्टोडैक्टाइलस काज़ीरंगाएन्सिस (Cyrtodactylus kazirangaensis) नामक छिपकली की प्रजाति भी यहां पाई गई, जो खतरे में मानी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह खोज दर्शाती है कि काज़ीरंगा न केवल गैंडा संरक्षण का वैश्विक केंद्र है, बल्कि यह जलीय और स्थलीय जैव विविधता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है।
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पर्यावरणविदों का कहना है कि इन प्रजातियों की सुरक्षा के लिए निरंतर निगरानी और आवास संरक्षण की आवश्यकता है। काज़ीरंगा की यह उपलब्धि भारत की समृद्ध जैव विविधता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी मजबूती से प्रस्तुत करती है।
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