केरल कांग्रेस ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) एसोसिएशन की आलोचना करते हुए उसे ‘चयनात्मक आक्रोश’ दिखाने वाला करार दिया है। पार्टी ने सवाल उठाया कि संस्था ने 2019 में उस समय के चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के खिलाफ हुई कथित राजनीतिक प्रताड़ना पर चुप्पी क्यों साधी थी, जबकि अब मुख्य चुनाव आयुक्त ग्यानेश कुमार और उनके परिवार पर सोशल मीडिया पर हुए व्यक्तिगत हमलों की निंदा करने के लिए तुरंत बयान जारी कर दिया।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और उनके प्रमुखों की गरिमा की रक्षा होनी चाहिए, लेकिन किसी संस्था का विरोध केवल ‘चयनात्मक’ रूप से दिखना अनुचित है। उनका आरोप है कि जब अशोक लवासा ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में असहमति जताई थी, तब उनके खिलाफ सरकारी एजेंसियों के जरिए दबाव बनाया गया, लेकिन आईएएस एसोसिएशन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
पार्टी ने कहा कि ग्यानेश कुमार और उनके परिवार के खिलाफ व्यक्तिगत हमलों की निंदा करना सही कदम है, लेकिन संस्थाओं को सुसंगत और निष्पक्ष रहना चाहिए। यदि वे किसी भी अधिकारी के सम्मान की रक्षा करते हैं, तो यह सभी अधिकारियों के लिए समान रूप से होना चाहिए।
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विश्लेषकों का कहना है कि यह विवाद प्रशासनिक सेवा की संस्थागत निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है और राजनीतिक दल इसे अपने-अपने दृष्टिकोण से मुद्दा बना रहे हैं।
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