केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने गुरुवार (30 अक्टूबर 2025) को केरल सरकार द्वारा पीएम श्री योजना में अपनी भागीदारी की समीक्षा के निर्णय की कड़ी आलोचना की। उन्होंने चेतावनी दी कि यह कदम राज्य की सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा।
कुरियन ने कहा कि केरल सरकार का यह फैसला न केवल केंद्र की शिक्षा उन्नयन योजनाओं को बाधित करेगा, बल्कि सरकारी विद्यालयों की स्थिति को भी कमजोर करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार का यह कदम जानबूझकर सरकारी शिक्षा प्रणाली को कमजोर करने के इरादे से उठाया गया है, ताकि निजी क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके।
कुरियन ने कहा, “पीएम श्री योजना का उद्देश्य देशभर में सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करना है। इसके तहत बुनियादी ढांचे, शिक्षण पद्धति और डिजिटलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाता है। लेकिन केरल का इससे हटना राज्य के विद्यार्थियों के भविष्य के लिए एक नकारात्मक संकेत है।”
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उन्होंने आगे कहा कि यदि केरल सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करती, तो इसका परिणाम यह होगा कि राज्य के छात्र बेहतर शिक्षा के लिए अन्य राज्यों की ओर रुख करेंगे, जिससे स्थानीय शिक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
गौरतलब है कि पीएम श्री योजना (PM Schools for Rising India) का उद्देश्य देश के 14,500 से अधिक सरकारी स्कूलों को उत्कृष्ट शिक्षा संस्थान के रूप में विकसित करना है। कुरियन ने कहा कि केंद्र सरकार की इस पहल में भाग न लेना केरल की शिक्षा नीति के लिए एक बड़ी चूक है।
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