मणिपुर में जारी जातीय तनाव के कारण कुकी-जो समुदाय ने शनिवार (1 नवंबर 2025) को राज्य स्तरीय ‘कुट उत्सव’ नहीं मनाने का निर्णय लिया। यह त्योहार हर वर्ष 1 नवंबर को फसल कटाई के उपरांत आभार और एकता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
‘कुट’, जिसे ‘चावांग कुट’ भी कहा जाता है, कुकी-जो समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार है जो अच्छी फसल के समापन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। लेकिन वर्ष 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से यह उत्सव स्थगित है।
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने कुट के अवसर पर बधाई देते हुए इसे “कृतज्ञता, एकता और समृद्ध फसल का उत्सव” बताया और सभी समुदायों के बीच भाईचारे के बंधन को मजबूत करने का आह्वान किया।
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पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भी शुभकामनाएं दीं और कहा, “यह उत्सव राज्य के सभी समुदायों के बीच एकता, शांति और सद्भाव की भावना को दर्शाता है।” उन्होंने एक्स (X) पर लिखा, “यह कुट हर घर में खुशहाली, समृद्धि और सौहार्द लेकर आए।”
कुकी-जो काउंसिल (KZC) के प्रवक्ता गिंजा वुअलजोंग ने कहा, “कुट त्योहार कई दशकों से मनाया जा रहा है और इसे राज्य अवकाश के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। लेकिन 2023 में जातीय हिंसा के बाद समुदाय ने इस सबसे बड़े त्योहार को न मनाने का निर्णय लिया।”
उन्होंने आगे कहा, “जब तक सरकार की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं निकलता, तब तक हमारा समुदाय यह त्योहार नहीं मनाएगा।”
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