भारतीय सेना को एक और वीर महिला अधिकारी मिली हैं। लेफ्टिनेंट पारुल धडवाल हाल ही में भारतीय सेना की ऑर्डनेंस कोर में कमीशन हुई हैं। वह पंजाब के जिला होशियारपुर के जनौरी गांव की रहने वाली हैं, जो अपनी मजबूत सैन्य परंपरा के लिए जाना जाता है।
लेफ्टिनेंट पारुल धडवाल खास महत्व इसलिए रखती हैं क्योंकि वह अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी हैं जो सेना की वर्दी पहन रही हैं। उनके परिवार की लंबी सैन्य पृष्ठभूमि ने उन्हें बचपन से ही अनुशासन, साहस और राष्ट्रसेवा के मूल्यों से जोड़ दिया। यही प्रेरणा उन्हें सेना तक ले आई।
ऑर्डनेंस कोर सेना की सबसे महत्वपूर्ण शाखाओं में से एक है, जो हथियार, गोला-बारूद, उपकरण और अन्य सैन्य सामग्री की आपूर्ति और देखरेख का जिम्मा संभालती है। इस कोर में शामिल होना न केवल जिम्मेदारी का काम है बल्कि एक गर्व की बात भी है।
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पारुल धडवाल की उपलब्धि महिलाओं की भागीदारी को लेकर सेना में हो रहे सकारात्मक बदलाव को भी दर्शाती है। हाल के वर्षों में भारतीय सेना ने महिलाओं को अधिक अवसर प्रदान किए हैं और पारुल जैसी युवा अधिकारी इसका उदाहरण हैं।
ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर इस मुकाम तक पहुंचने वाली लेफ्टिनेंट पारुल ने साबित किया है कि समर्पण और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनका यह कदम अन्य युवाओं, खासकर लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो सेना में करियर बनाने का सपना देखती हैं।
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