गैर-लाभकारी संस्था एजुकेट गर्ल्स को प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। संस्था की संस्थापक सफीना हुसैन ने इसे भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। यह पुरस्कार एशिया का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है, जो उत्कृष्ट सामाजिक योगदान के लिए दिया जाता है।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन के अनुसार, एजुकेट गर्ल्स ने राजस्थान से अपने कार्य की शुरुआत की थी। संस्था ने उन समुदायों की पहचान की जहाँ लड़कियों की शिक्षा की स्थिति सबसे खराब थी। संस्था का मुख्य उद्देश्य रहा—अशिक्षित या स्कूल से बाहर लड़कियों को कक्षा तक पहुँचाना और तब तक पढ़ाई जारी रखने में मदद करना, जब तक वे उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए आवश्यक योग्यता हासिल न कर लें।
फाउंडेशन ने बताया कि यह पहल न केवल शिक्षा की पहुँच बढ़ाने में सफल रही, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में सामाजिक मानसिकता को भी बदलने में मददगार साबित हुई। एजुकेट गर्ल्स ने हजारों लड़कियों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा और उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए सामुदायिक समर्थन तंत्र तैयार किया।
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सफीना हुसैन ने पुरस्कार मिलने पर कहा कि यह सम्मान केवल एजुकेट गर्ल्स का नहीं, बल्कि उन लाखों लड़कियों का है जिनके सपनों को साकार करने की दिशा में संस्था कार्यरत है। उन्होंने इसे भारत की बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में बड़ा कदम बताया।
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