बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने अपने घोषणा पत्र के मसौदे को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, इस बार गठबंधन का फोकस भूमि सुधारों और महिलाओं की सुरक्षा पर रहेगा।
घोषणा पत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहले कार्यकाल (2005-2010) के दौरान शुरू किए गए भूमि सुधार कार्यक्रमों को दोबारा लागू करने की योजना है। इनमें भूमि सर्वेक्षण, भू-स्वामित्व विवादों के निपटारे और गरीबों को भूमि के अधिकार देने जैसी पहलें शामिल हैं। महागठबंधन का मानना है कि इन सुधारों ने राज्य के ग्रामीण अर्थतंत्र को मजबूत किया था और अब इन्हें नए स्वरूप में लागू किया जाएगा।
इसके अलावा, गठबंधन की ओर से दुष्कर्म पीड़िताओं के लिए एक विशेष कानून लाने का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। इस कानून के तहत पीड़ितों को त्वरित न्याय, मनोवैज्ञानिक परामर्श, आर्थिक सहायता और पुनर्वास की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। गठबंधन नेताओं का कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली में सुधार इस चुनाव का प्रमुख मुद्दा होगा।
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सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन के घोषणा पत्र में युवा रोजगार, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा सुधार और भ्रष्टाचार उन्मूलन से जुड़े बिंदु भी शामिल होंगे। तेजस्वी यादव की टीम इसे “न्याय का अधिकार और विकास का वादा” शीर्षक के साथ जारी कर सकती है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह घोषणा पत्र सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता और सुशासन की नींव पर आधारित होगा, जिससे विपक्ष के लिए चुनौती बढ़ सकती है।
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