महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा शिवसेना के कई विधायकों ने रविवार (14 दिसंबर 2025) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक के. बी. हेडगेवार के स्मारक का दौरा किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दौरा नागपुर के रेशीमबाग स्थित स्मृति मंदिर में हुआ, जहां संघ के दूसरे सरसंघचालक एम. एस. गोलवलकर का भी स्मारक है।
मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे ने हेडगेवार और गोलवलकर दोनों के स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, विधान परिषद के सभापति राम शिंदे सहित भाजपा और शिवसेना के कई अन्य विधायक भी मौजूद रहे। नेताओं ने स्मारक परिसर में कुछ समय बिताया और संघ के संस्थापकों को याद किया।
हालांकि, सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों ने इस दौरे से दूरी बनाए रखी। इनमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी शामिल थे, जो स्मारक दर्शन के लिए नहीं पहुंचे। यह स्थिति राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय रही, क्योंकि महायुति सरकार में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी तीनों दल शामिल हैं।
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गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब एनसीपी नेता इस कार्यक्रम से अनुपस्थित रहे हों। पिछले वर्ष भी भाजपा और शिवसेना के विधायक, जिनमें फडणवीस और शिंदे शामिल थे, स्मृति मंदिर पहुंचे थे, लेकिन उस समय भी अजित पवार ने दौरे में हिस्सा नहीं लिया था।
फिलहाल महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र नागपुर में चल रहा है, जिसके चलते बड़ी संख्या में मंत्री और विधायक शहर में मौजूद हैं। इसी दौरान हेडगेवार स्मारक पर यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसने एक बार फिर राज्य की गठबंधन राजनीति और दलों के बीच वैचारिक भिन्नताओं को उजागर कर दिया।
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