पश्चिम बंगाल में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्यभर में व्यापक विरोध अभियान शुरू कर दिया है। इसी क्रम में पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले सप्ताह मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में एंटी-SIR रैलियों को संबोधित करेंगी। टीएमसी का आरोप है कि SIR प्रक्रिया का उपयोग मतदाता सूची में अनुचित हस्तक्षेप और राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है।
टीएमसी सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी 3 दिसंबर को मालदा जिले के गाजोल में एक बड़ी एंटी-SIR रैली को संबोधित करेंगी। पार्टी की योजना है कि सीमा से सटे सभी जिलों में ऐसे विरोध कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि लोगों को बताया जा सके कि SIR के नाम पर मतदाताओं को परेशान किया जा रहा है।
अगले दिन 4 दिसंबर को ममता बनर्जी मुर्शिदाबाद जिले के बह्रमपुर में एक अन्य एंटी-SIR रैली में हिस्सा लेंगी। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनके भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी इस रैली में शामिल होंगे या नहीं।
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पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि भारत-बांग्लादेश सीमा से जुड़े जिलों में SIR प्रक्रिया का दुरुपयोग होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। टीएमसी का आरोप है कि भाजपा इस प्रक्रिया का इस्तेमाल राजनीतिक दबाव बनाने और मतदाता सूची में बदलाव कराने के लिए कर रही है, जबकि भाजपा इसे एक नियमित चुनावी प्रक्रिया बता रही है।
ट्रेनों, बसों और सोशल मीडिया के जरिए टीएमसी इन रैलियों को लेकर व्यापक जनसंपर्क अभियान चला रही है। पार्टी का उद्देश्य है कि बड़ी संख्या में लोग इन विरोध रैलियों में शामिल हों और SIR प्रक्रिया के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं।
इन रैलियों को ममता बनर्जी की राज्यव्यापी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह चुनावी प्रक्रिया को ‘निष्पक्ष और पारदर्शी’ बनाए रखने की मांग कर रही हैं।
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