देशभर में स्कूली छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित सभी स्कूलों का सुरक्षा ऑडिट कराना अनिवार्य बनाएं। यह कदम हाल के वर्षों में स्कूल परिसरों में हुई दुर्घटनाओं की पृष्ठभूमि में उठाया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “स्कूलों की संरचनात्मक मजबूती, अग्नि सुरक्षा, आपातकालीन निकासी व्यवस्था और विद्युत वायरिंग की समग्र जांच अत्यंत आवश्यक है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि स्कूल भवनों की भौतिक स्थिति का मूल्यांकन करना बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह ऑडिट केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका उद्देश्य स्कूलों में किसी भी संभावित खतरे को समय रहते पहचानना और उन्हें दूर करना होना चाहिए। इसके लिए विशेषज्ञ इंजीनियरों और सुरक्षा अधिकारियों की सहायता लेने की बात भी कही गई है।
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साथ ही, स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि हर स्कूल में आपातकालीन निकासी मार्ग स्पष्ट और बाधारहित हों, फायर अलार्म प्रणाली कार्यशील हो, और सभी स्टाफ को सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण दिया गया हो।
यह निर्देश शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ स्कूलों में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
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