हाल के वर्षों में नींद की समस्याएं काफी बढ़ गई हैं। आधुनिक जीवनशैली, तनाव और अनियमित दिनचर्या शरीर की प्राकृतिक नींद चक्र को प्रभावित कर रहे हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए कई लोग मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स की ओर रुख कर रहे हैं। मेलाटोनिन मस्तिष्क की पाइनियल ग्रंथि द्वारा उत्पादित एक हार्मोन है, जो अंधेरे में शरीर को नींद के लिए संकेत देता है। यह इंसोम्निया, जेट लैग या शिफ्ट वर्क से जुड़ी नींद की समस्याओं में मदद कर सकता है।
लेकिन डॉक्टरों के अनुसार लंबे समय तक और अधिक मात्रा में मेलाटोनिन का सेवन कुछ दुष्प्रभाव भी पैदा कर सकता है। डॉ. परिनिता कौर, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका के प्रिंसिपल कंसल्टेंट ने बताया, "बहुत लोग सोचते हैं कि मेलाटोनिन पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन यह अजीब प्रतिक्रियाएं पैदा कर सकता है। कुछ लोग सुबह भारीपन या सुस्ती महसूस करते हैं, कुछ को सिरदर्द या पेट में असुविधा होती है, और सपने बहुत वास्तविक लग सकते हैं।"
वे आगे बताती हैं कि यह ब्लड प्रेशर, शुगर या रक्त पतला करने वाली दवाओं पर भी असर डाल सकता है। हार्मोनल समस्याओं वाले लोग और अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। अधिकांश दुष्प्रभाव तब दिखाई देते हैं जब इसे आवश्यकता से अधिक या लंबे समय तक लिया जाए।
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सुरक्षित उपयोग के लिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि छोटे डोज़ से शुरुआत करें, सोने के करीब ही लें, और अपनी नींद की दिनचर्या नियमित रखें। स्क्रीन टाइम कम करें, कमरा शांत, ठंडा और अंधेरा रखें। यदि कोई अजीब प्रतिक्रिया महसूस हो, तो सेवन रोककर पुनः मूल्यांकन करें।
मेलाटोनिन अल्पकालिक मददगार हो सकता है, लेकिन जीवनशैली और नींद की आदतों पर ध्यान देना ज़रूरी है।
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