प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि भारत और रूस आतंकवाद के खिलाफ ‘कंधे से कंधा मिलाकर’ लड़ रहे हैं। पुतिन चार साल बाद अपनी पहली राजकीय यात्रा पर भारत आए हैं। संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने अपने “प्रिय मित्र” का स्वागत करते हुए कहा कि चाहे अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जैश-ए-मोहम्मद का हमला हो, जिसमें 26 लोग मारे गए, या मार्च 2024 में मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल पर आईएस-खोरासन का हमला जिसमें 149 लोग मारे गए—इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि हर आतंकी हमला मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके खिलाफ वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
रूस लगातार भारत के आतंकवाद-विरोधी प्रयासों का समर्थन करता रहा है। पहलगाम हमले के बाद भी मॉस्को ने भारत के साथ एकजुटता जताई और कहा कि वह आतंकवाद के सभी रूपों के खात्मे में भारत के साथ खड़ा है। रूस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी समर्थन किया, जिसमें पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
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पीएम मोदी ने कहा कि पिछले आठ दशकों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत-रूस दोस्ती आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर हमेशा मजबूत रही है। दिल्ली के हैदराबाद हाउस से जारी इस बयान में व्यापार और आर्थिक सहयोग पर कई घोषणाएं की गईं, जिसमें शिपिंग क्षेत्र के लिए एक समझौता भी शामिल है।
पुतिन ने भारत को ईंधन की निर्बाध आपूर्ति जारी रखने का आश्वासन दिया। हालांकि पीएम मोदी ने तेल का उल्लेख किए बिना परमाणु और स्वच्छ ऊर्जा को साझेदारी की मजबूती का आधार बताया। उन्होंने आर्थिक सहयोग, मुक्त व्यापार समझौते और महत्वपूर्ण खनिजों पर भी चर्चा की।
पुतिन ने कहा कि दोनों देश आपसी व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं और राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान की दिशा में बढ़ रहे हैं। यूक्रेन युद्ध पर भी बातचीत हुई, जिसमें पुतिन ने भारत की शांति प्रयासों की सराहना की।
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