केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पारित किए गए मंत्रियों को हटाने के लिए प्रस्तुत बिलों में अपने लिए किसी अपवाद को स्वीकार नहीं किया। रिजिजू के अनुसार, पीएम ने स्पष्ट किया कि बिल सभी मंत्रियों पर समान रूप से लागू होंगे, चाहे वे प्रधानमंत्री हों या अन्य किसी पद पर हों।
रिजिजू ने कहा कि यह कदम लोकतांत्रिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। उनका कहना है कि सरकार यह संदेश देना चाहती है कि कोई भी अधिकारी, चाहे उसका पद कितना भी ऊँचा क्यों न हो, नियम और कानून के ऊपर नहीं है।
संसद में पेश किए गए इन बिलों का उद्देश्य मंत्रियों को उनके पद से हटाने की प्रक्रिया को और अधिक स्पष्ट बनाना है। बिलों के तहत अब मंत्री के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई या अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में कानूनी रूप से निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य होगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी का यह कदम राजनीतिक संस्थानों की मजबूती और कार्यपालिका में जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी मंत्री या उच्च पदाधिकारी की छूट नहीं होगी और सभी को समान नियमों के तहत आंका जाएगा।
केंद्रीय मंत्रियों और विपक्ष दोनों ने इस बिल पर विभिन्न प्रतिक्रिया दी हैं। जबकि विपक्ष ने इसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सकारात्मक सुधार बताया, वहीं कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम राजनीतिक स्थिरता और सत्ता के केंद्रीकरण को संतुलित करने में मदद करेगा।
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