कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के परिवार को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) द्वारा कथित तौर पर अवैध रूप से आवासीय साइटें देने के मामले की जांच की समयसीमा जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, इस मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। मंगलवार को जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत ने लोकायुक्त पुलिस को पूर्व एमयूडीए आयुक्त जी.टी. दिनेश कुमार से जेल में पूछताछ करने की अनुमति दे दी।
पूर्व आयुक्त दिनेश कुमार वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार होकर जेल में हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने एमयूडीए द्वारा अवैध रूप से साइट आवंटन में भूमिका निभाई, जो सीधे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के परिवार से जुड़ा मामला है।
यह विवाद 2021 से जुड़ा है, जब एमयूडीए ने कथित रूप से मुख्यमंत्री की पत्नी को 14 आवासीय साइटें आवंटित की थीं। इसके बदले में एमयूडीए ने 3.16 एकड़ भूमि ली थी, जिसका अधिग्रहण बाद में गलत और अनियमित बताया गया।
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आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने इस मामले में निजी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद अदालत ने लोकायुक्त पुलिस को दो महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध होनी चाहिए, क्योंकि मामला संवेदनशील है और इसमें उच्च पदस्थ लोगों का नाम शामिल है।
लोकायुक्त पुलिस ने अदालत से अनुरोध किया था कि वे दिनेश कुमार से जेल में पूछताछ कर सकें, क्योंकि कथित आवंटन में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है। अदालत ने यह अनुमति देते हुए कहा कि जांच एजेंसी को आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
यह मामला कर्नाटक की राजनीति में बड़ा विवाद बन गया है, और विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है।
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