बिहार में आगामी चुनावों के मद्देनजर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) महिलाओं के मतों को आकर्षित करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। पिछले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के अनुभवों ने यह स्पष्ट किया कि महिला मतदाता अक्सर निर्णायक साबित होते हैं।
राजनीतिक रणनीतिकारों का मानना है कि महिलाएं राज्य में एक ‘जाति-रहित’ मतदान समूह के रूप में उभर रही हैं। इसलिए NDA सरकार ने महिलाओं को लक्षित करते हुए कई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इनमें वित्तीय सहायता, कौशल विकास, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं, जिनका मकसद महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारना और उन्हें गठबंधन के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि महिला मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करना राजनीतिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। इसके पीछे यह धारणा है कि महिलाएं अपने परिवार और समाज में फैसलों में प्रभावशाली भूमिका निभाती हैं, और उनका वोट अक्सर अंतिम परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
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राजनीतिक दल यह भी जानते हैं कि महिला मतदाता अपेक्षाकृत स्वतंत्र और सशक्त समूह हैं, जो किसी विशेष जाति या समुदाय के दबाव से कम प्रभावित होते हैं। इसलिए, NDA ने महिलाओं के हितों और उनकी सुरक्षा को लेकर सर्वसम्मति वाली नीतियों को प्राथमिकता दी है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस रणनीति से NDA को महिलाओं के बीच विश्वास और समर्थन बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे आगामी चुनावों में गठबंधन की स्थिति मजबूत हो सकती है।
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