राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक व्यक्ति के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिस पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों को देश से फरार होने में मदद की। यह मामला भारत में आतंक फैलाने की साजिश से जुड़ा है, जिसे लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के साथ मिलकर रचा था।
NIA के अनुसार, आरोपी ने गैंग के सदस्यों को पासपोर्ट और अन्य पहचान संबंधी दस्तावेज़ उपलब्ध कराए, ताकि वे भारत से बाहर भाग सकें और वहां से अपने आपराधिक और आतंकवादी नेटवर्क को आगे बढ़ा सकें। जांच में सामने आया कि इस नेटवर्क का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देना और युवाओं को अपराध और आतंकवाद की ओर उकसाना था।
NIA ने कहा कि यह मामला उस व्यापक साजिश का हिस्सा है, जिसमें गैंगस्टर-आतंकी गठजोड़ भारत की आंतरिक सुरक्षा को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। एजेंसी ने पहले भी इस नेटवर्क से जुड़े कई सदस्यों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से कई विदेशों में बैठकर सोशल मीडिया के माध्यम से धमकियाँ और वसूली के प्रयास करते हैं।
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जांच एजेंसी ने कहा कि इस केस में आगे की जांच जारी है ताकि इस साजिश से जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा सके। NIA का मानना है कि गैंगस्टर और आतंकी संगठनों का यह गठजोड़ देश की कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है और इस पर सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
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